हिंदुस्तान कही वा भारत वा की जम्बूद्वीप कही
फलाँ कहै छथि इंडिया मानल सेहो चलू छै ठीक कही
चिड़ै छलै सोनाक देश कहबै छल आर्यावर्त अपन
सकल विश्व में, अद्भुत अनुपम ई थिक भारतवर्ष अपन
बालक भरत जाहिठाँ बाघक मुँह केर दांत गनै छथि
कृष्ण जाहिठाँ नागक फन पर जा क नृत्य करै छथि
भीष्म जाहिठाँ शरशय्या पर मासक मास रहै छथि
राम जाहिठाँ वचनपूर्ति लेल सब किछु त्याग करै छथि
विश्व कहत, देखबै एक दिन जे भारत थिक आदर्श अपन
सकल विश्व में अद्भत,अनुपम............
चिड़ै छलै सोनाक देश कहबै छल आर्यावर्त अपन
सकल विश्व में, अद्भुत अनुपम ई थिक भारतवर्ष अपन
बालक भरत जाहिठाँ बाघक मुँह केर दांत गनै छथि
कृष्ण जाहिठाँ नागक फन पर जा क नृत्य करै छथि
भीष्म जाहिठाँ शरशय्या पर मासक मास रहै छथि
राम जाहिठाँ वचनपूर्ति लेल सब किछु त्याग करै छथि
विश्व कहत, देखबै एक दिन जे भारत थिक आदर्श अपन
सकल विश्व में अद्भत,अनुपम............
पृथ्वीराज-चंदवरदाई वा कि होथि शिवाजी
महाराणा प्रताप वा बाजीरावक कथा सुनाबी
भगत सिंह, आज़ाद, बोस वा रानी लक्ष्मीबाई कही
देशक हित बलिदान देलनि जे सभक स्वप्न साकार करी
सब महान सेनानी केर अछि सादर चरण स्पर्श अपन
सकल विश्व में अद्भुत, अनुपम......
मानल गाँधी, बुद्ध महावीरक छी हम अनुयायी
मुदा माथ पर चढ़ि नाचब त हमहूँ आतातायी
भूमिक टुकड़ी हेतै आन लेल, हम्मर भारतमाता
देश अपन अछि हमही सब छी भारत भाग्य विधाता
मिलिजुलि आगाँ बढ़ब तखन के मेटा सकत उत्कर्ष अपन
सकल विश्व में सब स अनुपम....
भगत सिंह, आज़ाद, बोस वा रानी लक्ष्मीबाई कही
देशक हित बलिदान देलनि जे सभक स्वप्न साकार करी
सब महान सेनानी केर अछि सादर चरण स्पर्श अपन
सकल विश्व में अद्भुत, अनुपम......
मानल गाँधी, बुद्ध महावीरक छी हम अनुयायी
मुदा माथ पर चढ़ि नाचब त हमहूँ आतातायी
भूमिक टुकड़ी हेतै आन लेल, हम्मर भारतमाता
देश अपन अछि हमही सब छी भारत भाग्य विधाता
मिलिजुलि आगाँ बढ़ब तखन के मेटा सकत उत्कर्ष अपन
सकल विश्व में सब स अनुपम....