Saturday, October 10, 2009

हमर दादाजी

सन् पचीस में चंद्रोदय भेल संघक उदयक संगे
जाहि समय में होइत छल हल्ला फसाद आ दंगे


पिता हिनक तेजस्वी पंडित , विद्या विनय सकल गुण मंडित
संस्कृत विषयक रहि आचार्य , पुनि बनलाह प्रधानाचार्य
दूर दूर तक घूमय गेला हिनका संगे संगे
सन् पचीस में........................................

ज्येष्ठक गुण सहजे अपनौलनि , अपनों प्रतिभा मांजि बनौलनि
सभा मंच पर हंसा हंसा क' , हास्य कविक ई पदवी पौलनि
यात्री जी भागिन सुभद्र झा मामा दुहु बेढंगे
सन् पचीस में........................................

बहुतो पुरस्कार छनि भेटल , अपन लिखल पोथी छनि गेंटल
भरि जीवन अध्यापन कयलनि , पूज्य पिता केर रस्ता धयलनि
सरस मधुर वाणी सं' सबकें रंगलनि अपने रंगे
सन् पचीस में........................................

करथि दुलार तते दादाजी , दुनू भाय के अछि आजादी
आशीर्वाद हिनक ज' पायब , सब उपदेश हिनक अपनायब
हम आदित्य विभूति पौत्र त' थिकियनि हिनकर अंगे
सन् पचीस में........................................

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