Wednesday, May 11, 2011

फगुआ-१


कत्त' जा रहलहुं अछि बौआ 
हुडदंग हेतई बाहर में, पुछि देल्थिन माय ओकर 
जखन-२ निकली हम टोकब जरुरी छौ,
होली छै,
संगी सब संगे हम रंग खेला फेरो त' 
घूमि-घामि एही ठाम आयब ने 
खिसिया क' बाजल ओ 

बेसी नहीं दूर जायब,
छौंड़ा सब पी-पा क' घुमैत रहैत छैक 
सड़कहिं पर मारि-पीट करैत रहैत छैक 

बड़बड़ाइत  मनहि मन, ठीक छै, ततबा कहि
झट मोटरसाईकिल उठा , विदा भेल जल्दी सँ
गाड़ी सँ' नहि जाऊ, माय फेर टोकि देल्थिन 
मुदा एतेक सुनबा केर फुर्सति कहाँ ओकरा,
अपनहि टा सुनलनि ओ 

ईम्हर बाबू साहेब, अयला संगी सब लग   
ओहि दिन के छोडितनि?
रंग आ अबीर सँ' शरीर हिनक रंगा गेल 
जाबत धरि बुझबा में अबितनि  किछु 
ताबत धरि हरियर आ पीयर सँ देह-हाथ सना गेल 

होली है, होली है, सस्वर चीत्कार भेल 
तकर बाद किछु बोतल मुंह में ढरा गेल 
नाच गान सेहो जरूरी एहि अबसर पर 
अनका हो दिक्कत त' हिनका की ताहि सँ' 

एखन नब शोणित अछि 
खयता नहि, पीता नहि, नचता नहि एखने 
त' ई सब की होइत छै बुढ़ारी में ककरो सँ' 

नचबा केर बाद छलैक, प्लान कतहु घुमबा केर 
एक्कहि टा गाड़ी छल सेहो दुपहिए टा 
ताही पर चारि गोटे, ककरा परवाहि मुदा ,
ततबे नहि बैसल सब ओही पर जुआने जखन हो 
आ स्पीड गाड़ी के सय सँ' ज' कम हो 
त' सम्मानक क्षति नहि ई? 

सा रा रा सा रा रा सब क्यौ गबैत ,
बात हनुमानक बाबू सँ सब क्यौ करैत 
पीने मदमत्त जेना हाथी बताह कोनो 
तेजी सँ अनढनायल कत्तहु जा रहल छलाह 

की तखने भ' लटपट हाथ हैन्डिल सँ छूटि गेलनि
आ ट्रकक समक्ष ई गाड़ी छल आबि गेलनि 
ट्रक त' निपत्ता भेल ,
आब मात्र सड़क छल 
गाड़ी छल,
ई चारू सड़क पर 
आ एक्कहि टा रंग जेना सब ठाम छल पसरि गेल....


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