अपन अपन क्षमता के परखू ,
अनकर सब सम्मान करू, आऊ राष्ट्र निर्माण करू....
कहिओ सोचल बालक नरेन्द्र सँ कोना विवेकानंद भेला
ध्यान देल कहिओ जे गाँधी कोना महात्मा बनि सकला
कहिओ विचार ई आयल कोना, किछु नाम अमर इतिहास बनल
कहिओ ई मन में भेल , कोना ध्रुव अपन बात पर अडिग रहल
अपनों सब ई क' सकैत छी,
जँ शक्ति अपन आह्वान करी, आऊ राष्ट्र निर्माण करी....
ई देश सतत भ्रष्टाचारक अति घृणित रोग सँ ग्रसित रहल
जकरा लग अछि सामर्थ्य, विभव से अपने ताले नचैत रहल
जनिका पर छनि नेतृत्व भार से अपने रोटी सेकलनि अछि
आ जनिका पर दारोमदार से बैसि तमाशा देखलनि अछि
की ककरो नहीं एतबा पलखति,
जे देश अपन अछि ध्यान करी, आऊ राष्ट्र निर्माण करी....
एकसर ताकत की क' सकैत अछि, आई हजारे* देखा देलनि
फेर अलख ओ राष्ट्र भावना केर मानस में जगा देलनि
जागू आबो संकल्प लिय' ओ राष्ट्र धर्म निर्वाह करू
ई देश अपन अछि डगमगाइत ज', मिली जुली सब क्यौ ठाढ़ करू
मुदा ताहि सब सँ पहिने
अपना चरित्र निर्माण करी , आऊ राष्ट्र निर्माण करी....
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हजारे- अन्ना हजारे